Section 1

उद्देश्य

Section 2

पूजा कैसे करते है

Section 3

पौराणिक कथाएं

     Karva chauth विवाहित hindu महिलाओं के लिए बहुत ही महत्व रखता है।  ये त्योहार विशेष रूप से Hindu महिलाओं के द्वारा मनाया जाता है। इस त्योहार में महिलाए अपने Husband की लम्बी उम्र और उसके अच्छे स्वाश्थ्य की कामना करती हैं। 
karva chauth
karva chauth

     वर्तमान समय में लगभग सभी महिलाए karva chauth के vrat को करती हैं। इस vrat के बारे में कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं। यह vrat मुख्य रूप से hindu महिलाओं के द्वारा ही किया जाता है, वह भी married महिलाएं ही इस vrat को कर सकती हैं।

कब मनाते हैं

     यह त्योहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की chaturthi को मनाया जाता है। या फिर ये मान लो कि दशहरे के बाद और Deepavali के पहले यह त्योहार पड़ता है।

उद्देश्य

karva chauth pujan
karva chauth pujan

     पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जो महिला इस vrat को करती है उसका married life सुखमय व्यतीत होता है। महिलाएं इस vrat को अपने husband के मंगल जीवन तथा उसकी लम्बी age की कामना के लिए करती हैं।

पूजा कैसे करते है

    vrat में pooja के लिए एक करवे की आवश्यकता होती है। इस vrat में मुख्य रूप से भगवान Ganesh की पूजा होती है। लेकिन Ganeshji साथ-साथ के भगवान शिव-पार्वती और चन्द्रमा की pooja भी होती है। karva chauth के vrat को महिलाएं बड़े श्रद्धा भाव से करती हैं।
karva chauth chand
karva chauth chand

    इस vrat के लिए महिलाएं अपने लिए नये वस्त्र और jewellery खरीदती हैं। इस vrat में महिलाएं सुबह से निराहार रहकर अर्थात बिना कुछ खाये पिये ही रहती हैं, सुबह को स्नान karke सूर्यदेव या तुलसी के पेड़ को water अर्पण करती है तथा evening को जब चन्द्रमा निकल आता है तो उसके दर्शन करके और pooja करके अपना vrat तोड़ती हैं। इसके बाद अपने बड़ो का आर्शीबाद लेती हैं। इसी के साथ ये vrat पूर्ण हो जाता है।

पौराणिक कथाएं

    कथा-1.

कहा जाता है कि एक village में एक karva नाम की पतिव्रता स्त्री और उसका husband रहता था। एक दिन karva का husband नदी में स्नान करने चला गया। स्नान करते time उसका पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया, वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। तभी उसकी wife karva वहां पहँची और उसने ऐसा देख मगरमच्छ को एक धागे से बांध दिया तथा स्वंय Yamraj के पास चली गई।
   Yamraj से बोली- हे प्रभु! मेरे husband का पैर एक मगरमच्छ ने पकड़ लिया है। आप उस मगरमच्छ को दण्ड स्वरूप नरक में भेज दें। Yamraj बोले- karva मैं ऐसा नही कर सकता क्योंकि उस मगरमच्छ की age अभी शेष है। ये सुनकर karva क्रोधित हो उठती है और कहती है कि यदि aapne ऐसा नहीं किया तो मैं aapko श्राप देकर भष्म कर दूंगी।
   ऐसा सुनकर Yamraj घबरा जाते हैं और उस मगरमच्छ को नरक में भेज देते हैं, और कहते हैं कि हे karva! जिस प्रकार तुमने अपने husband की रक्षा की है सभी स्त्रियां अपने husbands की रक्षा करें। इस प्रकार karva ने अपने husband के प्राणों की रक्षा की।

कथा -2.


एक ब्राह्मण की पुत्री ने भी यह vrat किया था। vrat के नियम के अनुसार उसे चन्द्रमा को देखने के बाद bhojan करना था परन्तु वह भुख से व्याकुल हो उठी। उसके भाईयों से उसकी व्याकुलता देखी नहीं गई और उन्होंने peepal के पेड़ पर चलनी की ओट में एक deepak रख दिया।
    deepak चन्द्रमा के समान लग रहा था। deepak अपनी बहन को दिखा दिया और bhojan करा दिया। ऐसा करने पर उसका husband अदृश्य हो गया। उस स्त्री ने एक निश्चय किया कि जब तक उसके husband वापस नहीं आ जाते वह karva chauth का व्रत करती रहेगी।
   अगले 12 वर्षों तक उसने यह vrat किया, तथा karva chauth के vrat के दिन उसका husband वापस आ गया।